गुरु नमन

गुरु नमन


आधार छंद-- दोहा अर्ध सममात्रिक छंद

यति - 13,११

परिचय-- चार चरण 48मात्रा 

पदांत--  गुरु लघु आवश्यक


मात-पिता हैं  गुरु प्रथम, संस्कारों की खान।

शब्द ज्ञान इनसे मिला, और मिली पहचान।।


श्री गुरु चरणों में नमन, जिन रज मिलता ज्ञान।

चरण धूलि माथे सजे, मिटे सकल अज्ञान।।


ईश्वर गुरु जब भी दिखें,  प्रथम पूज्य गुरु आप।

मार्ग दिखा कर सत्य का, हरा जनम संताप।।


पोथी पढ़ पढ़ जग मरा, मिला नहीं कोई ज्ञान।

ज्ञान चक्षु तब ही खुलें, गुरु से हो पहचान।।


जीवन भी गुरु एक है, समय - समय दे सीख।

बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख।।


जीवन विद्यालय बना, मिलते पाठ हजार।

रंग - बिरंगे लोग हैं, सत्य - झूठ व्यापार।।


आभार - नवीन पहल - २६.०४.२०२४🙏🏻🙏🏻

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु कविता 🙏🏻🙏🏻

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4 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Apr-2024 10:59 PM

Nice

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Babita patel

27-Apr-2024 02:33 PM

Amazing

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Mohammed urooj khan

27-Apr-2024 12:03 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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